"उसके मार्गों पर चलता है जब हम दूसरों को क्षमा नहीं कर पाते, तो हम परमेश्वर के भय को खो देते हैं- परमेश्वर के मार्गों पर चलने के बजाय हम अपने मार्गों में चलने लग जाते हैं। आप दूसरों को क्षमा नहीं कर पाते या दूसरों को क्षमा करने से इन्कार करते हैं, यह इस सच्चाई को दिखाता है कि आपका मन अपने ही मार्गों में लगा हुआ है। "जिसका मन ईश्वर की ओर से हट जाता है, वह अपनी चालचलन का फल भोगता है" (नीति. 14:14) क्षमा न करने के लिये, आपके पास कई कारण या बहाने होंगे: तौभी जान लें “ऐसा मार्ग है, जो मनुष्य को ठीक देख पड़ता है, परन्तु उसके अन्त में मृत्यु ही मिलती है (नीति 14:12)
"तू अपनी कमाई को निश्चय खाने पाएगा"। दूसरों को क्षमा में यही आशीष है। यदि आप क्षमा करने से इन्कार करें, तो आपकी कमाई को दूसरे खा जाएंगे। "तू धन्य (आनन्दित) होगा" (Eng.) हाँ! क्षमा करनेवाले लोग सदा आनन्दित रहते हैं। “किसी ने ठीक ही कहा है क्षमा करनेवाले लोगों का मिलन ही शुभ विवाह है” । क्षमा न करनेवाले लोग सदा उदास रहेंगे। "तेरा भला ही होगा"। चिकित्सकों का कहना है कि यदि एक व्यक्ति क्षमा नहीं कर पाता तो उच्च रक्तचाप, नाडियों में तनाव हृदय रोग, कर्क रोग और दूसरे अन्य रोग उस पर प्रभाव डालेंगे।
“प्रभु का भय मानना बुद्धि आरम्भ है । दूसरों को क्षमा करना भी बुद्धि का आरम्भ है।