यह एक बड़ा प्रकाशन था। जिसे मूसा ने विश्वास से पाया। विश्वास ही से मूसा ने मसीह के कारण निंदित होने को मिस्र के भण्डार से बड़ा धन समझा। उस समय मिस्र का साम्राज्य संसार का सबसे बड़ा साम्राज्य था। सारे संसार भर से धन मिस्र की ओर से बहकर आता था। दूसरे शब्दों में मिस्र के राजमहल में उस समय के अनुसार सबसे अधिक धन था। उन सारे धन को त्यागकर निंदाओं को आनन्द के साथ चुनना अकल्पनीय बात है। इस अनुग्रह के युग में भी जब सब पवित्र लोग निंदाओं को सहते हैं, उससे उनका नाम और कीर्ति नष्ट हो जाती है, तो वे अत्यन्त निराश हो जाते हैं और कुछ लोग अपने सेवकाई और आत्मिक जीवन को भी नष्ट कर देते हैं। परन्तु यहां एक परमेश्वर का जन है, जिसके पास पवित्र शास्त्र को भी अपनाने का सौभाग्य नहीं था और जिसने अपने समय में यहां पूर्वकालीन इतिहास में भी किसी का निंदाओं को चुनकर इस संसार के धन को त्यागने के बारे में कभी भी सुना या देखा नहीं था। यह विश्वास ही था, जिसने मूसा को ऐसे करने के लिए सहायता की।
कितने पवित्र लोग मूसा के साथ यह गवाही दे सकते हैं कि वे निंदाओं को बड़ा धन होकर समझ पाते हैं? जब इस संसार के लोग निंदाओं से बैर करते हैं तो जिन के पास विश्वास का धन हैं वे उन्हें सच्चा धन होकर समझते हैं।
आज का पवित्र बाइबल वचन
"क्योंकि उसकी आंखें फल पाने की ओर लगी थीं" मसीह के कारण जब भी निंदा और बैर किए जाते हैं तो निश्चय विश्वास रखने वाले लोग आनंदित होकर उछलते हैं। क्योंकि वे देखते हैं कि स्वर्ग में उनका प्रतिपल बढ़ा है" (लूका 6;22,23 और मत्ती 5:11,12)