क्या आप तिरस्कार का सामना करते हैं ? Do you face contempt

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सारी मानवीय भावनाओं में तिरस्कार की भावना ही सबसे असहनीय और ह्रदय विदारक होती है । सम्पूर्ण पवित्र शास्त्र में हम देखते हैं कि परमेश्वर के लोगों का पहले तिरस्कार हुआ और उसके पश्चात ही वे ऊंचे किये गये।

याकूब के पुत्र यूसुफ को छोड़ा नहीं गया। आरम्भ में ऐसा लगा कि वह अपने पिता के प्रेम को अनुभव कर रहा था। परन्तु शीघ्र ही उसके तिरस्कार का भी समय आया। जब उसके भाइयों ने पहले उसका तिरस्कार किया। इसके पश्चात जो स्वप्न परमेश्वर ने उसे दिया, उसके कारण पिता ने उसे डांटा। शीघ्र ही वह अपने परिवार से कट गया। पोतीफर के घर में भी ऐसा लगा कि वह ऊंचा किया गया था। परन्तु उसके पश्चात तिरस्कार भी आया। परन्तु अंत में वह समय आया जब परमेश्वर ने उसे फिरौन के सिंहासन तक ऊंचा किया।

इस सच्चाई के लिए दाऊद भी एक उपयुक्त उदाहरण है। यह वास्तव में आश्चर्य की बात है कि दाऊद ने किस प्रकार तिरस्कार का सामना किया। दाऊद के पास शाऊल के लिए वीणा थी। शाऊल के पास दाऊद के लिए भाला था। परन्तु इसी प्रकार ही परमेश्वर अपने चुने हुओं को चलाता है। अंत में दाऊद को इसराएल का राजा होकर ऊंचा किया गया।

Short Bible verses in Hindi

आपके मित्र या आपके पति या पत्नी, भाई या बहन आपका तिरस्कार करेंगे। कभी कभी ऐसा लगेगा कि परमेश्वर ने स्वयं आपका तिरस्कार कर दिया हो। हंन्ना पर ध्यान दें। हम पढ़ते हैं कि परमेश्वर ने स्वयं उसकी कोख बंद कर रखी थी। (। शमू 1:5) प्रिय परमेश्वर के बच्चे, जब तक हम पूरी तरह परमेश्वर के ना हो जाएं तब तक लगातार हम तिरस्कृत होंगे। जब परमेश्वर हमें ऊंचे आत्मिक अनुभवों तक उठाना चाहता है तो वह पहले हमें तिरस्कार के मार्ग में चलाता है। यदि परमेश्वर के अनुग्रह से तिरस्कार के समय आनंदित होने के लिए हम भीतरी मनुष्य में बल पाए तो हम आत्मिक और भौतिक रूप से आशीशित होंगे। 

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