एक बार किसी पास्टर ने अपने किसी विश्वासी को दूरभाष पर बुलाया। उस विश्वासी के छोटे बच्चे ने उसका उत्तर दिया। पास्टर ने अपना परिचय दिया और उसके पिता के बारे में उससे पूछा। बच्चे ने कहा, "रूकिये" और उसके पश्चात् उस परमेश्वर के सेवक ने कुछ फुसफुसाने का शब्द सुना। एक दो मिनिट बाद उस बच्चे ने कहा, "पास्टर जी. पिताजी कह रहे हैं कि वे घर पर नहीं हैं"!
हम अपने बच्चों से कहते हैं कि वे सच्चे हों, और उन्हें झूठ बोलने पर दण्ड देते हैं, परन्तु हम कैसे उनसे यह अपेक्षा कर सकते हैं कि वे सच्चे हो, जब तक कि हम उनके लिये एक उदाहरण न हों? सबसे उतम दान जो आप अपने बच्चे को दे सकते हैं वह है आपका उत्तम उदाहरण- "सब बातों में अपने आप को भले काम का नमूना बना"
"एक खुली पुस्तक के समान वे आपके जीवन को पढ़ेंगे. आपके वचनों और क्रियाओं पर प्रतिदिन ध्यान दंगे; क्या वे आकर्षित होंगे या मुड़ जाएँगे उस मसीह की ओर जिसका तुम हो प्रवार करते?"
जब एक छोटे गुलाब के पौधे को एक छड़ी से बाँधा जाता है, तो वह पेड़ को सीधे बढ़ने में सहायता करता है। बाद में जब आप सहारा देने वाली छड़ी को हटा देते हैं, तौभी वह पौधा सीधा बदता जाएगा। यदि आरम्म से ही उसे पौधे को छड़ी से न बाँधा जाए तो. उसके परन्तु बाद उसकी सहायता करने में बहुत देर हो जाएगी और गुलाब का पौधा टेढ़ा ही बढ़ेगा।